महाशिवरात्रि पर्व है पावन लिरिक्स Mahashivratri Ka Parv Hai Paawan Lyrics Shiv Bhajan
महाशिवरात्रि पर्व है पावन,
सुख दायी फल दायी,
कथा सुनी व्रत करके जिसने,
मोक्ष की सीढ़ी पायी,
महाशिवरात्रि पर्व है पावन......
दूरतरीहू नाम का एक भील था,
घोर पापी व्यभिचारी,
मार मृगो को जीवन यापन करता था वो शिकारी,
स्वजन थे भूखे लाओ कोई मर का कोई शिकार,
दुष्कर्मो से चला रहा था वो अपना संसार......
दिन भर भटका कोई ना पाया शिकारी,
ठक कर हर व्याध विचार,
क्या कर्ता लचारी.......
हुआ अँधेरा चड़ा पेड़ पर रात बिताने सारी,
प्यास बुझाने साथ में अपने ये जल भर कर,
महाशिवरात्रि पर्व है पावन.......
बिल्वा के उस तरुवर के नीच,
था शिव लिंग पुराण,
चुपके से पत्तो में बैठा साध निशान,
रात के प्रहार में आई पीने पानी,
तीर चलाकर धारा सही करदो ये व्यध ने थानी,
ज्यो ही तीर चडाकर खीची धनुष कामण,
पानी गिर हुआ अभिषेक और लिंग पर पाटी,
प्रथम प्रहार पर शिव भील की आंख खुल,
पापी जीव को अंजनी शिव भक्ति की राह मिली,
महाशिवरात्रि पर्व है पावन......
श्रेणी : शिव भजन
महाशिवरात्रि की संपूर्ण कथा सुनें इस भजन के माध्यम से Mahashivratri Parv Hai Paawan,ANURADHA PAUDWAL
महाशिवरात्रि पर्व है पावन लिरिक्स Mahashivratri Ka Parv Hai Paawan Lyrics, Shiv Bhajan by Anuradha Paudwal Ji
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