जबसे गयो वृंदावन छोड़ लिरिक्स Jab Se Gayo Vrindavan Chhodh Lyrics Krishna Bhajan
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली,
ना खेली होली कन्हैया संग ना खेली होली,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहना मैंने माथे पर टीका ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहले मैंने कानों में झुमके ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहनो मैंने गले में हरबा ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहने मैंने हाथों में कंगन ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहनी मैंने कमर में तगड़ी ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना पहनी मैंने पैरों में पायल ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
ना आओगी मैंने सर पर चुनरिया ना किया कोई श्रंगार,
राह देख मेरी अखियां थक गई भूल गई घर बार,
जबसे गयो वृंदावन छोड़ श्याम संग ना खेली होली....
श्रेणी : कृष्ण भजन
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