भक्ति भाव का भूखा कन्हैया लिरिक्स Bhakti Bhaav Ka Bukha Kanhaiya Lyrics Krishna Bhajan
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे,
भक्ति भाव को भूखा कान्हा रुक नहीं पायो रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
मित्र सुदामा मिलने आया,
बगल पोटली चावल लाया,
देने में थोड़ा शरमाया,
छीन पोटली चावल खा गए, गले लगायो रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
प्रेम दीवानी मीरा बाई,
मीरा ने श्याम से प्रीत लगाई,
राणा जी की बहुत सताई,
विष का प्याला होंठ लगायो, अमृत बनायो रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
नानी बाई ने नीर बहाया,
रुक्मिणी श्यामा संग में लाया,
हीरा मोती बहुत लुटाया,
धर्म को भैया बनके कान्हा, भात भरायो रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
करुण पुकार सुनी द्रोपति की,
साड़ी आए बढ़ाई द्रुपद की,
तार तार में बस गयो कान्हा, लाज बचाई रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
गज को जाए छुड़ाया जल में,
ध्रुव को दर्श दिया है बन में,
खंबा फाड़ के प्रकट हुए, पहलाद बचायो रे,
कन्हैया दौड़ो आयों रे,
सांवरिया दौड़ो आयो रे.....
श्रेणी : कृष्ण भजन
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