ऐसी लगन लगी है घनश्याम से
मीराबाई ने सब कुछ छोड़ा,
मोहन से नाता जोड़ा,
उन्हें अपना पति मान के,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से....
जहर का प्याला राणा जी ने भेजा,
मीराबाई के लिए,
पी गई पी गई ओहो जी मीरा पी गई,
अमृत का प्याला मान के,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
फांसी का फंदा राणा जी ने भेजा,
मीराबाई के लिए,
झूली झूली ओहो जी मीरा झूली,
सावन का झूला मान के,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
नाग पिटारा राणा जी ने भेजा,
मीराबाई के लिए,
पहने पहने ओहो जी मेरा पहने,
फूलों की माला मानके,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
कांटो की सैया राणा जी ने भेजी,
मीराबाई के लिए,
सो गई सो गई ओहो जी मेरा,
सो गई फूलों की सैया मानके,
ऐसी लगन लगी है घनश्याम से.....
श्रेणी : कृष्ण भजन
मीराबाई का भक्ति भाव और उनकी घनश्याम से अटूट श्रद्धा को दर्शाती यह कविताएँ उनकी जीवन यात्रा और भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके गहरे प्रेम को व्यक्त करती हैं। मीराबाई ने संसारिक मोह माया को छोड़कर भगवान श्री कृष्ण को अपना जीवनसाथी माना और उसी की भक्ति में खो गईं। उनके जीवन में आई हर कठिनाई जैसे जहर का प्याला और फांसी का फंदा, मीराबाई ने उसे भगवान के प्रति अपनी निष्ठा में ही ढाल लिया। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि सच्ची भक्ति और प्रेम में कोई भी बाधा मायने नहीं रखती। उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से भगवान श्री कृष्ण के चरणों में समर्पित किया और इस भक्ति के मार्ग पर चलते हुए सभी कठिनाइयों को सरलता से पार किया। मीराबाई का यह भक्ति मार्ग आज भी लाखों भक्तों को प्रेरित करता है।
Nice bajna
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