कन्हैया सिर पे हाथ फिराता है लिरिक्स Kanhaiya Sir Per Haath Firata Hai Lyrics Krishna Bhajan
जब कोई तकलीफ़ सताए,
जब जब मन घबराता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
जब कोई तक़लीफ़ सताए,
जब जब मन घबराता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
लोग ये समझें मैं हूँ अकेला,
मेरे साथ कन्हैयाँ हैं,
दुनिया समझे डूब रहा मैं,
चल रही मेरी नैयाँ है,
जब जब लहरें आती हैं,
खुद पतवार चलाता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
जिसके आसूँ कोई ना पौंछे,
कोई ना जिसको प्यार करे,
जिसके साथ ये दुनियाँ वाले,
मतलब का व्यवहार करे,
दुनियाँ जिसको ठुकराती,
उसे ये पलकों पे बिठाता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
प्रेम की डोरी बंधी प्रियतम से,
जैसे दीपक बाती है,
कदम कदम पर रक्षा करता,
ये सुख दुःख का साथी है,
संजू जब रस्ता नहीं सूझे,
प्रेम का दीप जलाता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
जब कोई तकलीफ़ सताए,
जब जब मन घबराता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
जब कोई तक़लीफ़ सताए,
जब जब मन घबराता है,
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैयाँ,
सिर पर हाथ फिराता है।
श्रेणी : कृष्ण भजन
कन्हैया सिर पे हाथ फिराता है - Kanhaiya Sir Per Hath Firata Hai - Krishna Bhajan 2022
कन्हैया सिर पे हाथ फिराता है लिरिक्स Kanhaiya Sir Per Haath Firata Hai Lyrics, Krishna Bhajan 2022
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