जरा इतना बता दे कान्हा
ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों,
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥
मैंने काली रात को जन्म लिया,
और काली गाय का दूध पीया,
मेरी कमली भी काली है,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सखी रोज़ ही घर में बुलाती है,
और माखन बहुत खिलाती है,
सखिओं का भी दिल काला,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
मैंने काली नाग पर नाच किया,
और काली नाग को नाथ लिया,
नागों का रंग काला,
इस लिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सावन में बिजली कड़कती है,
बादल भी बहुत बरसतें है,
बादल का रंग काला,
इसलिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे….
सखी नयनों में कजरा लगाती है,
और नयनों में मुझे बिठाती है,
कजरे का रंग काला,
इसलिए काला हूँ,
ज़रा इतना बता दे कान्हा....
श्रेणी : कृष्ण भजन
जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यूँ | Jara Itna Bata De Kanha | Upasana Mehta |Krishna Bhajan
ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों, तू काला होकर भी जग से निराला क्यों, मैंने काली रात को जन्म लिया, और काली गाय का दूध पीया, मेरी कमली भी काली है, इस लिए काला हूँ, ज़रा इतना बता दे, सखी रोज़ ही घर में बुलाती है, और माखन बहुत खिलाती है, सखिओं का भी दिल काला, इस लिए काला हूँ, ज़रा इतना बता दे, zara itana bata de kaanha, tera rang kaala kyon, too kaala hokar bhee jag se niraala kyon, mainne kaalee raat ko janm liya, aur kaalee gaay ka doodh peeya, meree kamalee bhee kaalee hai, is lie kaala hoon, zara itana bata de, sakhee roz hee ghar mein bulaatee hai, aur maakhan bahut khilaatee hai, sakhion ka bhee dil kaala, is lie kaala hoon, zara itana bata de
sweet
ReplyDelete