एक थी बुढ़िया श्याम दीवानी लिरिक्स Ek Thi Budiya Shyam Deewani Lyrics Khatu Shyam Bhajan
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी,
घर मे ही करती थी सेवा पानी,
भर आती है आँखे सुनके उसकी कहानी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
एक दिन उसे बहु ने मारे ऐसे ताने,
पड़ी पड़ी खाती है बेशर्मी के दाने,
बुढ़िया का जी भर आया,
कुछ और समाज ना आया,
कहरथ की मारी ने मारने की ठानी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
लेकर श्याम की मूरत, निकल पड़ी वह करते,
बरस रहे थे आशु, जैसे सावन बरसे,
पहुची नदी किनारे तेज़ थी जिसकी धारे,
बोली हे विधाता माफ करना दानी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
आया तभी मुसाफिर बोला हाथ पकड़ कर,
श्याम की दीवानी ऐसी नादानी ना कर,
ये सुख दुख की छाया भगवान की है माया,
गीता का है ज्ञान ये संतो की वाणी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
बैठ गए वो नीचे अपनी नजर झुकाके,
नजर उठी तो देखा श्याम खड़े है आगे,
श्याम ने उसे उठाया अपने गले लगाया,
श्याम की बलजीत ये रीत है पुरानी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी,
घर मे ही करती थी सेवा पानी,
भर आती है आँखे सुनके उसकी कहानी,
एक थी बुढ़िया श्याम की दीवानी.......x2
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
एक थी बुढ़िया श्याम दीवानी - Ek Thi Budiya Shyam Diwani - Shyam Baba Bhajan - Baljeet Singh
एक थी बुढ़िया श्याम दीवानी लिरिक्स Ek Thi Budiya Shyam Deewani Lyrics, Khatu Shyam Ji Bhajan by Singer: Baljeet Singh
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Very nice
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