दीवाने खाटु धाम के
फागण का महिना आया है,
फागण का महिना आया है।।
खाटु से मस्तानी पुरवाई चले,
खुशबू से मीठी है खाटु की गली।।
भजन सुनाए बाबा तेरे नाम के,
हुए दीवाने हम तो खाटु धाम के।।
फागण का महिना आया है,
फागण का महिना आया है।।
खाटु से मस्तानी पुरवाई चले,
खुशबू से मीठी है खाटु की गली।।
भजन सुनाए बाबा तेरे नाम के,
हुए दीवाने हम तो खाटु धाम के।।
बहती हवाएं खाटु से चलकर, लेकर आये ये खबर,
फागुन की तैयारी हे गिरधारी तुम हो जायो बेखबर।।
रिंगस से पैदल में आऊँगा चलकर,
खाटु में लगाऊ बाबा पदल मैं चकर।।
खाटु नही ये तो खाटु धाम हमारा है,
खाटु धाम बाबा जन्नत से भी प्यारा है।।
फागण का महिना आया है,
फागण का महिना आया है।।
खाटु वाला हारे का सहारा ऐसा है वो श्याम धणी,
हार के आये इनकी शरण में हाथ पकड़ले श्याम धणी।।
कलयुग में छाई है श्याम नाम मस्ती,
शिश का दानी देखा है खाटु की बस्ती।।
सोने सी वो दुनिया हम छोड़ के आये,
यहाँ मिली जन्नत सी खुशियों में हम आये।।
फागण का महिना आया है,
फागण का महिना आया है।।
फागण का महिना आया है,
फागण का महिना आया है।।
खाटु से मस्तानी पुरवाई चले,
खुशबू से मीठी है खाटु की गली।।
भजन सुनाए बाबा रोज रोहित और मयूर,
तुझको रिझाये बाबा रोहित और मयूर।।
श्रेणी : खाटु श्याम भजन