आरती गुरु आलूसिंह जी की लिरिक्स Aarti Guru Aalusingh Ji Ki Lyrics, Aarti Sangrah
आरती गुरु आलूसिंह जी की,
लगन लगाई श्याम धणी की।
प्रथम प्रचारक आप श्याम के,
कई उल्लेख बखाने नाम के,
महिमा बताई मोरछड़ी की,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
भक्त शिरोमणि श्याम के प्यारे,
श्याम की आँखो के ध्रुव तारे,
श्यामलीन उज्जवल कीर्ति की,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
श्याम अखाड़े ऐसे लगाये,
श्याम मिलन की राह दिखाये,
श्याम सुधा रस घोटत पी की,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
श्याम बग़ीची आप लगाये,
भाँति भाँति के फूल उगाये,
बागवान हमसे हर कली के,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
श्याम कुण्ड की महिमा बतायी,
यहा प्रगटे ख़ुद श्याम कन्हाइ,
जल से मिटे घातक व्याधि भी,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
केशर इत्र की वर्षा करते,
श्याम से मिलते बाते करते,
श्याम संदेशक हरी ज्योति की,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
गुरु सिर हाथ सदा ही रखना,
पूरण हो हर शिष्य का सपना,
श्याम रमे जीवह्या मिसरी सी,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
मोहन दास जी राह दिखाये,
आलूसिंह जी की आरती गाये,
ज्योत जगे हर घर बाबा की,
आरती गुरु आलूसिंह जी की।
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
आरती श्री आलू सिंह जी महाराज - Shyam Singh Chouhan Khatu | Jai Shree Shyam
आरती गुरु आलूसिंह जी की लिरिक्स Aarti Guru Aalusingh Ji Ki Lyrics, Shri Aloo Singh Ji Maharaj Bhajan by Shri Shyam Singh Ji Chouhan Khatu Dham
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