सांसो का क्या भरोसा रुक जाए चलते चलते
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते,
साँसों का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते,
जीवन की है जो ज्योति, बुझ जाए चलते चलते,
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते।
जीवन है चार दिन का, दो दिन की जिन्दगानी,
जब आएगा बुढापा, थक जाए चलते चलते,
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते।
समझाना तो इशारा, ना समझा खेल इसका,
क्यों तेरी बात बिगड़ी, हर बार बनते बनते,
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते।
तेरे साथ जाए बंदे, तेरे कर्मो की कमाई,
गए जग से बादशाह भी, यूँ ही हाथ मलते मलते,
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते।
अब तक किया ना पगले, अब तो हरी सिमर ले,
कह रही है जिंदगी की, ये शाम ढलते ढलते,
साँसों का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते,
जीवन की है जो ज्योति, बुझ जाए जलते जलते,
सांसो का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते।
श्रेणी : कृष्ण भजन
सांसो का क्या भरोसा | Sanso Ka Kya Bharosa | #SanjayGulati | Special Bhajan 2021
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