मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना ।
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना ॥
मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले ।
तेरी याद ने बना दी मेरी ज़िन्दगी फ़साना ॥
मुझे इसका गम नहीं है की बदल गया ज़माना ।
मेरी ज़िन्दगी के मालिक कहीं तुम बदल न जाना ॥
यह सर वो सर नहीं है जिसे रख दूँ फिर उठा लूं ।
जब चढ़ गया चरण में आता नहीं उठाना ॥
तेरी सांवरी सी सुरत मेरे मन में बस गयी है ।
ऐ सांवरे सलोने अब और ना सताना ॥
दुनियां की खा के ठोकर मैं आया तेरे द्वारे ।
मेरे मुरली वाले मोहन, अब और ना सताना ॥
मेरी आरजु यही है दम निकले तेरे दर पे ।
अभी सांस चल रही है कहीं तुम चले ना जाना ||
श्रेणी : कृष्ण भजन
मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना, Mujhe Raas Aa Gaya Hai Tere Daar Pe Sar Jhukaana
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना, तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना, मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले, तेरी याद ने बना दी मेरी ज़िन्दगी फ़साना, mujhe raas aa gaya hai, tere dar pe sar jhukaana, tujhe mil gaya pujaaree, mujhe mil gaya thikaana, mujhe kaun jaanata tha teree bandagee se pahale, teree yaad ne bana dee meree zindagee fasaana,