मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो लिरिक्स Meri Ankhiyo Se Kahe Door Ho Kaho Lyrics Khatu Shyam Ji Bhajan
मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो,
मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो,
ओ सांवरे......
मुझसे मिलने से क्यों मजबूर हो कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से.....
तकती रहती है तुम्हारी राहे सुबह शाम,
पथरा ना जाये कहीं ये कब आओगे श्याम,
मेरी अंखियों का क्या कसूर है कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से........
बहती रहती है तुम्हारी याद में रोती है,
जाने कितनी रातें जागी ये न सोई है,
सपने क्यों सारे हुए चूर है कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से........
मेरी आंखें तो मिलन का सपना संजोये,
फिर क्यों नीले चढ़कर तेरा आना ना होए,
मिलना रवि से अब जरूर है कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से........
मुझसे मिलने से क्यों मजबूर हो कहो,ओ सांवरे
मेरी अंखियों से........
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
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मेरी अंखियों से काहे दूर हो कहो लिरिक्स Meri Ankhiyo Se Kahe Door Ho Kaho Lyrics Khatu Shyam Ji Bhajan Song by Singer : Mandeep Jangra
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