ये संतों का प्रेम नगर है यहाँ संभल कर आना जी लिरिक्स Ye Santho Ka Prem Nagar Hai Yha Sambhal Kar Aana Ji Lyrics
ये संतों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर आना जी.........
ये प्यासों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर आना जी
जो भी आए यहाँ कहीं से, हो जाएं दीवाना जी........
ऐसा बरसे रंग यहाँ पर, जनम-जनम तक मन भीगे
फाल्गुन बिना चुनरिया भीगे, सावन बिना भवन भीगे
ऐसी बरखा होय यहाँ पर, बचे ना कोई घराना जी
ये प्यासों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर आना जी
ये संतों का प्रेम नगर है, यहाँ संभल कर आना जी........
श्रेणी : गुरुदेव भजन
ये संतों का प्रेम नगर है यहाँ संभल कर आना जी लिरिक्स Ye Santho Ka Prem Nagar Hai Yha Sambhal Kar Aana Ji Lyrics, Gurudev Bhajan
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