उलझन में भी ओ बाबा लिरिक्स ( Uljhan Me Bhi O Baba Santos Kr Rhe Hain Lyrics )

उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं





उलझन में भी ओ बाबा संतोष कर रहे हैं,
तेरा हाथ पीठ पर हम महसूस कर रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा...

जो भी जहाँ में पाया है श्याम तेरी माया,
तू ज़िन्दगी है तू ही बंदगी है मेरी,
तू बंदगी है मेरे श्याम ........मेरे श्याम..

सुनसान ये डगर है फिर भी हमें ना डर है,
हमें ये खबर है गिरधर तू भी ना बेखबर है,
जिस और भी बढे हम बेख़ौफ़ बढ़ रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा.....

हमें रोकने को आई यूँ तो हज़ार आंधी,
आई चली गई वो छू ना सकी ज़रा भी,
विपदाएं पीछे खींचे हम रोज़ बढ़ रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा.....

ये ना कहेंगे मुश्किल राहों में ना मिली है,
पर श्याम की कृपा ये मुश्किल से भी बड़ी है,
गोलू को ख़ुशी को पाने ग़म ये गुज़र रहे हैं,
उलझन में भी ओ बाबा.....



श्रेणी : खाटु श्याम भजन











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Harshit Jain

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