सजाया माँ तेरा दरबार
सजाया माँ तेरा दरबार,
किरपा करदे आन पधार,
तुझे कब से पुकारे जीन माँ,
तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
रंगो की रंगोली बनाई दरवाजे पे प्यारी,
चौकठ पे पुष्पों की माला,
रंग बिरंगी न्यारी,
करि है इतर की बुहार,
महके आंगन सब द्वार,
तुझे कब से पुकारे जीन माँ,
तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
चांदी का सिंगासन ऊपर सोने का छतर लगाया,
मल मल का सूंदर सा आसान प्यार से उसपे विशाया,
बनाये गजरे माला हार पूरा फूलो का शृंगार,
तुझे कब से पुकारे जीन माँ,
तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
मन की आस माँ करदो पूरी अँखियो की प्यास भुजाओ,
देर करो न जीन भवानी,
अब तो दर्श दिखाओ,
पना चाँद लगा दे चार करदे भगियां में बहार
तुझे कब से पुकारे जीन माँ,
तेरी राह हम निहारे जीन माँ,
श्रेणी : दुर्गा भजन
सजाया माँ तेरा दरबार | मातारानी का भजन by मुकेश बगड़ा | Sajaya Maa Tera Darbar | Audio
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