सज धज कर बैठा है देखो सबका पालनहार है
सज धज कर बैठा है देखो सबका पालनहार है,
ईसके मनमोहक से रूप का दिल पर चढ़ा खुमार है,
देख के तुझको दिल सांवरे बोले यही हर बार है,
वाह क्या श्रृंगार है वाह क्या श्रृंगार है,
मुखड़े पर सूरज की दमक से किरणें मन में उतर गई,
आंखों में चंदा सी चमक से मन में चांदनी बिखर गई,
सर पे मुकुट यह दर्शाता है तेरी ही सरकार है,
वाह क्या श्रृंगार है......
ग्यारस पर ज्योति जलती कीर्तन तेरा होता है,
खीर चूरमा भोग है लगता खूब नजारा होता है,
भूल जाते हैं गम जीवन के ऐसा ये दरबार है,
वाह क्या श्रृंगार है.......
भेजें फूल है कुदरत ने बाबा तुझे सजाने को,
उन्हीं फूल ने इत्र दिया है श्याम तुझे महकाने को,
मंत्री और जयंत पर तेरा हर पल ही उपकार है,
वाह क्या श्रृंगार है......
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।