मेरे मन के अंध तमस में ज्योतिर्मय उतारो लिरिक्स मेरे मन के अंध तमस में ज्योतिर्मय उतारो लिरिक्स Mere Man Ke Andh Tamas Mein Jyotirmayi Utaro Lyrics

मेरे मन के अंध तमस में ज्योतिर्मय उतारो लिरिक्स Mere Man Ke Andh Tamas Mein Jyotirmayi Utaro Lyrics Durga Bhajan





मेरे मन के अंध तमस में, ज्योतिर्मय उतारो ।
जय जय माँ, जय जय माँ ।

कहाँ यहाँ देवों का नंदन,
मलयाचल का अभिनव चन्दन ।
मेरे उर के उजड़े वन में करुणामयी विचरो ॥

नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,
काजल सा काला यह अंतर ।
प्राणों के गहरे गह्वर में ममता मई विहरो ॥

वर दे वर दे, वींणा वादिनी वर दे।
निर्मल मन कर दे, प्रेम अतुल कर दे।
सब की सद्गति हो, ऐसा हम को वर दे॥

सत्यमयी तू है, ज्ञानमयी तू है।
प्रेममयी भी तू है, हम बच्चो को वर दे॥

सरस्वती भी तू है, महालक्ष्मी तू है।
महाकाली भी तू है, हम भक्तो को वर दे॥



श्रेणी : दुर्गा भजन




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Harshit Jain

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