मेला कार्तिक का दिखा दो
मेला कार्तिक का दिखा दो दर पे मुझे अब बुला लो,
मैं अकेला हो न जाऊ दूर चरणों से हो न जाऊ बाबा मुझको गले से लगा लो,
मेला कार्तिक का दिखा दो दर पे मुझे अब बुला लो,
दुखड़े सब के मिटा दो मोरछड़ी लेहरादो,
मैं अकेला हो न जाऊ दूर चरणों से हो न जाऊ बाबा मुझको गले से लगा लो,
मेला कार्तिक का दिखा दो दर पे मुझे अब बुला लो,
हारे का साथ निभा दो मुझको आकर जीता दो,
दास गौरव खो न जाए दूर चरणों से हो न जाऊ बाबा मुझको गले से लगा लो,
मेला कार्तिक का दिखा दो दर पे मुझे अब बुला लो
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
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