मैंने मोहन को बुलाया है
मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,
मैंने मोहन को बुलाया, है वो आता होगा,
वो आता होगा, वो आता होगा,
मैंने, मोहन, को, बुलाया है, वो आता होगा,
मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,
तुम भी आना, मेरे घर आज तमाशा होगा,
सामने आओंगे या आज भी परदा होगा।।
तुम भी आना, तुम भी आना,
मेरे घर आज तमाशा होगा।
तुम मेरे थे, मेरे रहोगे सदा,
ना बहकूँगी बहकाने से,
जब समझ प्रेम में डूब गई,
अब क्या होगा समझाने से।
अब पाँव पीछे हटेगा नहीं,
चोट बिरहा की खाने से,
और चमकेगा सोना,
पुनि पुनि अगन तपाने से।
प्रेम बढ़ेगा दिन दिन मेरा,
यूँ तेरे तड़पाने से,
एक बार लगा लो सीने से,
बलिहार हैं अपनाने से।
चाहो जी भर के तड़पालो मुझे,
मुझे काम शाम गुण गाने से,
जग में है बढ़ता प्यार सदा,
पिया के घर पर आ जाने से।
अब तो अपने पास बुला लो,
ना रीझोगे क्या रिझाने से,
कहीं हो जाए अंधेर कोई,
प्यारे इतनी देर लगाने से।
हारों के हारे तुम हो सदा,
अब क्या होगा, इतराने से,
मैं हु सखी वृषभानु लल्ली की,
मेरा नाता है बरसाने से,
मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,
तुम भी आना, तुम भी आना,
मेरे घर आज तमाशा होगा।
नज़र पर्दा, वफ़ा परदा,
मोहब्बत सर बसर पर्दा,
चले भी आयो प्यारे घरवाले हो,
घरवालों से क्या पर्दा,
हक़ीक़त जिस जगह होती है,
ताबानी बताती है
कोई पर्दे में होता है तो,
चिलमन जगमगाती है,
तुम भी आना, तुम भी आना,
मेरे घर आज तमाशा होगा।
प्यार झूठा ही सही,
दुनिया को दिखाने आजा,
तू किसी गैर से मिलने, के बहाने आजा।
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आजा,
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आजा,
तू किसी गैर से मिलने, के बहाने आजा।
काश ऐसा कोई मंज़र होता
मेरे काँधे पे तेरा सर होता
जमा करता जो मै आये हुए संग
सर छुपाने के लिए घर होता
इस बुलंदी पे बहुत तनहा हूँ,
काश मै सब के बराबर होता,
काश मै भगतों के बराबर होता,
उसने उलझा दिया दुनियाँ में मुझे,
वरना एक और कलंदर होता।
तुम भी आना, मेरे घर आज तमाशा होगा,
सामने आओंगे या आज भी परदा होगा।।
तुम भी आना, तुम भी आना,
मेरे घर आज तमाशा होगा।
हर आह तबस्सुम बन जाए,
हर अश्क सितारा हो जाएं,
दुनीयाँ ही बदल जाए अपनी,
गर तेरा इशारा हो जाए,
माना की इश्क की राहों में,
हर कदम पे सो सो झगड़े हैं,
लेकिन ये सब टल जाए,
गर साथ तुम्हारा हो जाए,
आँखें रो रो कर कहती है,
ये दामन भिगो कर कहती हैं,
मरने से पहले एक बार,
दीदार तुम्हारा हो जाएं,
प्यार झूठा सही, दुनिया को दिखाने आजा,
तू किसी और से मिलने के बहाने आजा।
गैरों पे करम, अपनों पे सितम,
ए जाने वफ़ा ये जुल्म ना कर।
जो चाहने वाले हैं तेरे,
यूँ उनको सताना ठीक नहीं,
महफ़िल में तमाशा बन जाए,
इस तरहा रुलाना ठीक नहीं,
रहने दे अभी थोड़ा सा भरम,
प्यार झूठा सही, दुनिया को दिखाने आजा,
तू किसी और से मिलने के बहाने आजा।
एक दिन ऐसा अवसर होगा,
मेरा साजन घर पर होगा,
विरहा का यही असर होगा,
प्यारे का प्यार अमर होगा,
मैं हरी चरणों से लिपटूंगा,
वो छाती से मुझे लगाएंगे।
आशा रख पगली आएंगे,
क्यों धीरज खोये जाती है,
हरी आएंगे, हरी आएंगे।
सरसों फूलेगी होली में,
होगा ग़ुलाल हर झोली में,
ग्वालों की अटपटी बोली में,
राधा जूं सखियों से मिलकर,
मोहन को नार बनाएंगे।
आशा रख पगली आएंगे,
घबराए क्यों बावरी,
अरी आवेंगे चित्त चोर,
वो नन्द नंदन बृज चंदन,
वो रसिया नवल किशोर,
नील मणि कुञ्ज बिहारी,
करुणा सिंधु बेग सुनेंगे,
टेर हमारी,
देंगे दर्शन दान,
बैठी रह दीप जलाए,
आते ही होंगे श्याम बावरी,
क्यों घबराएं,
आशा रख पगली आएंगे,
क्यों धीरज खोये जाती है,
हरी आएंगे, हरी आएंगे।
श्रेणी : कृष्ण भजन
विश्व प्रसिद्ध भजन - मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा | 26.12.2020 | गुरुग्राम हरियाणा | #बाँसुरी
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