मैं चिठिया लिख लिख हारी
मैं चिठिया लिख लिख हारी,
कब आओगे बांके बिहारी
नाथ कब आओगे, श्याम कब आओगे
पहले जै श्री श्याम लिखा है
फिर चरणों में प्रणाम लिखा है
मैंने चिठियों में चिठिया डाली
नाथ कब आओगे...
दूजी चिठ्ठी में यह लिख डाला
घर आओ नन्द के लाला
तेरे भगतो ने बाट निहारी
नाथ कब आओगे...
अब चिठिया और ना लिखेंगे
टेलीफोन या फैक्स करेंगे
हम डायरेक्ट बात करेंगे
नाथ कब आओगे...
श्याम भगतो को भूल ना जाना
दुनिया मारेगी हमको ताना
हसी होगी जग में तुम्हारी
नाथ कब आओगे...
श्रेणी : कृष्ण भजन
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।