दर तुम्हारे झुकाया ये सर
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साई बाबा करो इक नज़र।।
तुम्हारा चाहने वाला हु, हु दीवाना मैं,
बनु फिर संगदिल जमाने का निशाना मैं,
दर तुम्हारे.. बीते ये उम्र,
साई बाबा करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साई बाबा करो इक नज़र।।
दिलों के जानते हो राज़ क्या बताये तुम्हे,
दर्द अपना हम रो रो करके क्या सुनाये तुम्हे,
ना किसी से.. हो तुम बेखबर,
साई बाबा करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साई बाबा करो इक नज़र।।
तुम मिलो साई तो मैं हर खशी कुर्बान करदु,
जवानी क्या है तुम पे उम्र ये कुर्बान करदू,
क्यों मैं भटकु.. यहाँ दरबदर,
साई बाबा करो इक नज़र,
दर तुम्हारे झुकाया ये सर,
साई बाबा करो इक नज़र।।
श्रेणी : साई भजन
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