ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे लिरिक्स Brahma Ne Chhoda Unhein Dheere Dheere Lyrics, Shiv Ji Bhajan
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
तेरी लहरिया उलझा गयी,
जटा में शिव की उलझा गयी,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
तेरी लहरिया उलझा गयी,
जटा में शिव की उलझा गयी।
जय हसुनारी जय गंगारी,
जय विष्कारी संकटहारी,
भगीरथ में तप ये ठाना है,
गंगा को पृथ्वी पे लाना है,
शंकर जी को अब रिझाना है,
उनसे भी वरदान पाना है,
मिला शंकर से वर गंगा चली धरा पर,
बना मानसरोवर आयी जान ऋषि घर,
पी गए ऋषि उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
तेरी लहरिया उलझा गयी,
जटा में शिव की उलझा गयी।
जय शिव शंकर भोले,
हमको वरदान दे,
जय शिव शंकर भोले,
हमको वरदान दे,
भागीरथी का तप भारी है,
गंगा को जांग से निकारी है,
नाम जानवी पड़ा गंगा का,
शोर हर हर हुआ गंगा का,
मोक्ष देने लगी, पाप धोने लगी,
शिव की महिमा है ये गंगा बहने लगी,
राजा के रथ के पीछे पीछे,
गंगा चली है आँख मिचे मिचे,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
तेरी लहरिया उलझा गयी,
जटा में शिव की उलझा गयी,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे,
नभ से चली है गंगा धीरे धीरे,
तेरी लहरिया उलझा गयी,
जटा में शिव की उलझा गयी.....
श्रेणी : शिव भजन
ब्रह्मा ने छोड़ा उन्हें धीरे धीरे लिरिक्स Brahma Ne Chhoda Unhein Dheere Dheere Lyrics, Shiv Ji Bhajan Lyrics
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