सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा ।
तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी ।
तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहँदी लगी ।
तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तेरे पाँव नाज़ुक, दूसरा पायल बंधी ।
तीसरा घुंगरू बजाना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा ।
तीसरा खिचडे का खाना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी ।
तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रियतम मेरे ।
तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया....
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥